फाइलेरिया देता है विकलांगता को जन्म, प्रभावित होता है रोगी का जीवन: डॉ परेमश्वर प्रसाद




स्वच्छता का ध्यान एवं नियमित व्यायाम से फ़ाइलेरिया मरीजों का विकलांगता से बचाव संभव 


पटना-


 विकलांगता किसी भी व्यक्ति के लिए अभिशाप साबित हो सकती है। इसके बारे में जनमानस को जागरूक करने हेतु हर वर्ष तीन दिसंबर को विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। विश्व में विकलांगता के कारणों में फाइलेरिया एक प्रमुख कारण है.  फाइलेरिया से होने वाले हाथीपांव के कारण रोगी की विकलांगता उसके पूरे जीवन को प्रभावित करती है. विश्व में अभी भी बड़ी संख्या में लोग हाथीपांव के शिकार होने की जद में हैं. 


फाइलेरिया मरीज अपने रोग प्रबंधन के प्रति हो जागरूक:


फाइलेरिया के मरीजों को अपने रोग प्रबंधन के प्रति जागरूक होना जरूरी है. यह बातें विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ परमेश्वर प्रसाद ने कही. उन्होंने बताया हाथीपांव से ग्रसित मरीज की देखभाल के लिए राज्य में मॉरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिस्टेबिलिटी प्रीवेंशन यानि एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है. एमएमडीपी किट के वितरण के साथ इसके इस्तेमाल की जानकारी दी गयी है. फ़ाइलेरिया मरीजों की सहूलियत के लिए राज्य के सभी जिलों में एमएमडीपी क्लिनिक की स्थापना की जा रही है. सीतामढ़ी जिले के सभी प्रखंडों में एमएमडीपी क्लिनिक संचालित है और इससे फ़ाइलेरिया मरीजों को उपचार में सहायता मिलेगी.         


राज्य के 24 जिलों में चलाया जायेगा एमडीए राउंड:

डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि अब साल में दो बार एमडीए राउंड आयोजित किया जायेगा. बिहार सहित देश के सभी फ़ाइलेरिया प्रभावित राज्यों में फ़ाइलेरिया उन्मूलन को गति देने के लिए अगले वर्ष फ़रवरी एवं अगस्त महीने में एमडीए राउंड संचालित किया जायेगा. इसकी शुरुआत 10 फ़रवरी को होगी. बिहार के 24 जिलों में यह एमडीए राउंड संचालित किया जायेगा.

  

विश्व भर में 130 करोड़ से अधिक विकलांगता के हैं शिकार- डॉ. राजेश पांडेय 

डॉ. राजेश पांडेय, स्टेट कोऑर्डिनेटर, एनटीडी, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि विश्व भर में 130 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी तरह विकलांगता के शिकार हैं। जिसका अर्थ है कि विश्व की तकरीबन 16 फीसदी आबादी किसी न किसी तरह विकलांगता के साथ जी रहे हैं। स्वास्थ्य समता को बढ़ावा देने एवं इसमें सबके समावेश को तेज़ करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

   

पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से जुड़कर मरीज सीख रहे फ़ाइलेरिया प्रबंधन के गुर: 


फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क फाइलेरिया रोगियों को जीवन को सरल बनाने का प्रयास कर रहा है. राज्य के 11 जिलों गया, नवादा, अररिया, खगड़िया, पटना, सारण, गोपालगंज, सीवान, कटिहार, पुर्णिया एवं मुज़फ़्फ़रपुर में नेटवर्क तैयार किये गये हैं. यह नेटवर्क एक नई पहल है जिससे फाइलेरिया रोगी अपने समाज के लोगों को इस रोग से बचाव के प्रति संदेश दे रहे हैं. पटना के फुलवारी ब्लाक के पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य पटेल पंडित   गीतों द्वारा मरीजों में जागरूकता फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि नेटवर्क से जुड़कर लोगों को जागरूक कर वह अपना दायित्व निभा रहे हैं ताकि किसी को फ़ाइलेरिया का शिकार न होना पड़े. 


फाइलेरिया उन्मूलन में सामाजिक सहभागिता महत्वपूर्ण:


हाथीपांव होने से रोगी की तुरंत मौत नहीं होती है, यह इस रोग को नजरअंदाज करने की बड़ी वजह है. लेकिन अपने पूरे जीवन को प्रभावित करता है. कई जिलों में युवाओं में भी हाथीपांव का असर देखने को मिला है. इस रोग को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. संभवत: यह उनके लिए आने वाले समय में बड़ा गंभीर हो सकता है. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामाजिक सहभागिता जरुरी है

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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