आईडीए कार्यक्रम की सफलता को लेकर एमएमडीपी कार्यशाला का आयोजन, दी गई जरूरी जानकारी


- फाइलेरिया उन्मूलन • स्वास्थ्य विभाग एवं डब्ल्यूएचओ के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन 

- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीसीएम समेत अन्य पदाधिकारी हुए शामिल 


शेखपुरा-


 मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत उन्मुखीकरण हेतु एक दिवसीय एमएमडीपी कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह कार्यशाला स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं डब्ल्यूएचओ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। जिसका उदघाटन सिविल सर्जन डाॅ पृथ्वीराज ने किया । कार्यशाला में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बीसीएम समेत अन्य प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ इजहिलारसन ने मौजूद सभी प्रतिभागियों को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही जिले में शुरू होने वाले एमडीए अभियान की सफलता को लेकर भी आवश्यक और जरूरी जानकारी दी। जिसमें बताया गया कि कैसे शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन और अभियान सफल बनाया जा सकता है। इस मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक साकिर खान, डीसीएम शुभम कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ प्रमोद कुमार, भीडीसीओ श्याम सुंदर कुमार, भीबीडीएस मनोज कुमार साह, केबीसी अभिषेक कुमार, बिनोद कुमार आदि मौजूद थे। 


- प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया क्लीनिक का किया जाएगा शुभारंभ : 

जिला वेक्टर जनित रोग-नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया,  फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कटिबद्ध और गंभीर है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय फाइलेरिया क्लीनिक का शुभारंभ किया जाएगा। जिसमें एक चिकित्सक, एक नर्स और एक पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, उन्होंने बताया, फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। इसलिए, इससे बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। क्योंकि, जागरूकता से इस बीमारी से बचाव और स्थाई निजात संभव है। 


- सभी पदाधिकारियों और कर्मियों का रहेगा सहयोग : 

जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्याम कुमार निर्मल ने बताया, फाइलेरिया उन्मूलन को सफल बनाने के लिए जिले के सभी पदाधिकारी और कर्मी अपना योगदान देंगे। इसी की  बदौलत आईडीए अभियान को सफल और जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा, इसके अलावा  पूरे समुदाय के सहयोग की भी जरूरत है। इसलिए, मैं पूरे जिले वासियों से अपील करता हूँ कि फाइलेरिया के खिलाफ आगे आएं। 


- लक्षण दिखते ही कराएं जाँच, शुरुआती दौर में इलाज शुरू होने से मिल सकती है स्थाई निजात : 

वहीं, भीडीसीओ श्याम सुंदर कुमार ने बताया, शुरुआती दौर में जाँच कराने और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार आवश्यक इलाज कराने से बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि शुरुआती दौर में ही इलाज कराएं और बीमारी से स्थाई निजात पाएं। फाइलेरिया के  शुरुआती लक्षण में बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग व उसके आसपास दर्द व सूजन की भी समस्या होती है। इसके अलावा हाथ और पैर में हाथी के पैर जैसी  सूजन आ जाती है। इसलिए, इसे हाथी पाँव कहा जाता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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