एफआईपीभी टीका के तीसरी खुराक की सफलता को लेकर दिया गया प्रशिक्षण


- खगड़िया सदर पीएचसी के  सभागार हाॅल में प्रखंड की आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ता को दिया गया प्रशिक्षण 

- तीसरी खुराक से होने वाले फायदे समेत अन्य जानकारियाँ भी दी गई 


खगड़िया-


 पोलियो से बचाव के लिए अब सभी बच्चों को एफआईपीभी (फ्रेक्शनल डोज ऑफ इनेक्टिवेटेड पोलियोवायरस वैक्सीन) टीका की  तीसरी खुराक भी दी जाएगी। जिसकी सफलता को लेकर आशा दिवस के अवसर पर सोमवार को खगड़िया सदर पीएचसी परिसर स्थित सभागार हाॅल में पीएचसी प्रभारी डाॅ कृष्णकांत कुमार की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें प्रखंड की आशा फैसिलिटेटर  और आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक द्वारा मौजूद प्रतिभागियों को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत आने वाले एफआईपीभी टीका की  तीसरी  डोज लेने से बच्चों को होने वाले फायदे, क्यों जरूरी है तीसरा डोज समेत अन्य आवश्यक  जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। साथ ही तीसरे  डोज से शत-प्रतिशत योग्य लाभार्थियों (बच्चों) को टीकाकृत करने को लेकर सामुदायिक स्तर पर जागरूक करने को कहा गया। ताकि अधिकाधिक लाभार्थी लाभान्वित हो  सकें और पोलियो के खतरे से सुरक्षित हो सकें । इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग से रामपंत कुमार, पिरामल फाउंडेशन के डीपीएल प्रफुल्ल झा, डब्ल्यूएचओ से संतोष कुमार आदि मौजूद थे। 


- लाभार्थियों का सर्वे कर सूची तैयार करने का दिया गया निर्देश : 

खगड़िया सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ कृष्णकांत कुमार ने बताया, 01 जनवरी 2023 से जिले भर में बच्चों को एफआईपीभी टीका की तीसरी खुराक देने का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसकी सफलता को लेकर प्रशिक्षण के दौरान मौजूद आशा फैसिलिटेटर  एवं आशा कार्यकर्ता को अपने-अपने क्षेत्र में लाभार्थियों का सर्वे कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया। ताकि एक भी लाभार्थी छूटे नहीं और शत-प्रतिशत लाभार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, उक्त टीका 09 से 12 माह  की उम्र के दायरे में आने वाले बच्चों को दिया जाएगा। इस दौरान इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि इससे पूर्व संबंधित बच्चों को 06 सप्ताह पर एफआईपीभी - 1 और 14 सप्ताह पर एफआईपीभी -2 टीका की  खुराक लगाई गई है या नहीं। क्योंकि, जिन बच्चों को उक्त दोनों खुराकें दी जा चुकी होगी, उन्हीं  बच्चों को तीसरी  खुराक दी जाएगी। साथ ही जिन बच्चों को 01 जनवरी 2023 से पहले एमआर - 1 की खुराक पड़ चुकी है, उन्हें एफआईपीभी टीका की  तीसरी खुराक नहीं दी जाएगी। 


- नियमित टीकाकरण से विभिन्न प्रकार के गंभीर बीमारियों से होता बचाव :  

वहीं, डाॅ कृष्णकांत कुमार ने बताया, विभिन्न प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम गर्भवती महिला से स्वयं  और 0 से 02 आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों से अपील करता हूँ कि अपने बच्चों का निश्चित रूप से  टीकाकरण कराएं। इससे ना केवल गंभीर बीमारी से बचाव होगा, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा तथा बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होगा। वहीं, उन्होंने बताया, शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेई (जापानी बुखार) के  टीके लगाए जाते हैं। जबकि, गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। अब 09 से 12 माह के बच्चों को पोलियो के खतरे से बचाव के लिए एफआईपीभी टीका की  तीसरी खुराक भी दी  जानी  है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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