परबत्ता सीएचसी में खुली फाइलेरिया क्लीनिक,मरीजों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

 


- हाईड्रोसील फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों को चिह्नित  कर ऑपरेशन कराने के लिए किया जाएगा प्रेरित 

- क्लीनिक में समुचित स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था रहेगी उपलब्ध 


खगड़िया, 28 दिसंबर-

  

जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में फाइलेरिया उन्मूलन को पूरी तरह प्रभावी और कारगर बनाने के लिए जिले के परबत्ता सीएचसी में फाइलेरिया क्लीनिक का शुभारंभ हुआ है । जिसका उद्घाटन  सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ धर्मेंद्र चौधरी ने  किया। इस मौके पर डाॅ चौधरी ने कहा, अब मरीजों को आसानी के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। यह, मरीज सहित पूरे प्रखंड वासियों के लिए सरकार का बेहतर और सराहनीय कदम है। क्लीनिक परिसर में ही समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। मरीजों को इलाज कराने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। इस मौके पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार, भीबीडीएस मनीष कुमार, केयर इंडिया के बीसी श्रवण कुमार,  विभाष कुमार, सरिता झा आदि मौजूद थी । 


- फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों की समय पर होगी  जाँच और इलाज : 

प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार ने बताया, सीएचसी परिसर में फाइलेरिया क्लीनिक खुलने से ना सिर्फ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। बल्कि, समय पर जाँच और इलाज भी होगा। साथ ही समुचित दवाई भी उपलब्ध कराई जाएगी। हाईड्रोसील फाइलेरिया से संक्रमित मरीजों को चिह्नित  कर उनका सफल ऑपरेशन भी किया जाएगा। मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसके लिए क्लीनिक में एक चिकित्सक, एक मेडिकल स्टाफ की तैनाती समेत एम्बुलेंस सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। ताकि मरीजों को बेहतर से बेहतर से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके और सभी मरीज आसानी के साथ सुविधाओं का लाभ ले सकें। 


- लक्षण दिखते ही कराएं जाँच, शुरुआती दौर में इलाज शुरू होने से मिल सकती है स्थाई निजात : 

भीबीडीएस मनीष कुमार ने बताया, शुरुआती दौर में जाँच कराने और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार आवश्यक इलाज कराने से बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसलिए, मैं तमाम प्रखंड वासियों से अपील करता हूँ कि शुरुआती दौर में ही इलाज कराएं और बीमारी से स्थाई निजात पाएं। फाइलेरिया के  शुरुआती लक्षण में, बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग व उसके आसपास दर्द व सूजन की भी समस्या होती है। इसके अलावा हाथ और पैर में हाथी के पैर जैसी  सूजन आ जाती है। इसलिए, इसे हाथी पाँव कहा जाता है। 


- क्लीनिक में मरीजों को मिलेगी यह सुविधा : 

- फाइलेरिया मरीज की  जाँच एवं ग्रेडिंग निर्धारित करना 

- हाइजिन मेंटेनेंस, स्किन  एण्ड  केयर,एक्सरसाइज, इलेवेशन एण्ड वियरिंग  सूटेवल शूज से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना 

- एमएमडीपी किट का वितरण करना 

- हाईड्रोसील ऑपरेशन हेतु मरीज को उत्प्रेरित करना

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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