-समय पर कैंसर की पहचान हो जाने से उसका इलाज भी हो सकेगा
बांका-
जिले में शनिवार को कैंसर दिवस मनाया गया। इसके तहत जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोगों को कैंसर के कारण, बचाव और लक्षण की जानकारी दी गई। एक सप्ताह तक यानी कि 10 फरवरी तक लोगों को कैंसर को लेकर जागरूक किया जाएगा और तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि कैंसर के बारे में लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इस बीमारी से बचने में जागरूकता का अहम रोल है। सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू होने से लोगों को काफी फायदा पहुंच रहा है। अभी लोगों को कैंसर के शुरुआती लक्षण के बारे में बताया जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति में कैंसर के शुरुआती लक्षण के बारे में पता चलता है तो उसे स्क्रीनिंग के लिए सदर अस्पताल आना चाहिए। वहां पर स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में अगर कैंसर के लक्षण का पता चलता है तो उसे इलाज के लिए आगे भेजा जाएगा। मालूम हो कि होमी भाभा अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और राज्य स्वास्थ्य समिति में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की निःशुल्क जांच की व्यवस्था बांका सदर अस्पताल में की गई है। जांच में मरीज में अगर कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो उसका इलाज पटना के आईजीआईएमएस, एनएमसीएच और मुजफ्फरपुर के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में से किसी एक जगह किया जाएगा। इलाज में मरीजों को सरकारी सहायता मिलेगी। उन्हें नाममात्र का चार्ज ही लगेगा और लगातार मरीजों का फॉलोअप किया जाएगा।
शुरुआत में पहचान होने पर इलाज संभवः डॉ. चौधरी ने बताया कि कैंसर रोग की पहचान अगर शुरुआत में हो जाने से इसका इलाज संभव है। इससे मरीज की जान भी बच सकती है। इसलिए कैंसर की स्क्रीनिंग जिला में शुरू की गई है। अभी सदर अस्पताल में प्रतिदिन कैंसर की स्क्रीनिंग की जा रही है। आने वाले दिनों में जिले के सभी अस्पतालों में इसकी व्यवस्था होने की उम्मीद है। ऐसा होने पर काफी संख्या में लोगों को इसका फायदा पहुंचेगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे। सदर अस्पताल में सुबह नौ से शाम पांच बजे तक कैंसर की जांच की जा रही है।
देरी होने पर मामला हो जाता है गंभीरः डॉ. चौधरी ने बताया कि बांका में कैंसर की जांच की सुविधा शुरू होने से जिले के गरीब मरीजों को फायदा पहुंच रहा है। जिले के वैसे गरीब मरीज जो कि पैसे के अभाव में इलाज कराने के लिए बाहर जाने में सक्षम नहीं हैं, उनकी यहां पर जांच हो सकेगी और अगर जांच में पुष्टि हो जाती तो उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी। अभी भी हमारे समाज में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो निजी अस्पताल में पैसे खर्च कर इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें फायदा होगा। साथ ही समय पर कैंसर की पहचान हो जाने से उसका इलाज भी हो सकेगा। हम सभी जानते हैं कि अगर शुरुआत में कैंसर की पहचान हो जाती तो वह ठीक हो जाता है। देरी होने पर मामला ज्यादा गंभीर हो जाता है। फिर जान बचाने पर भी आफत आ जाती है।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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