एमडीए अभिआन को लेकर प्रखंडों में तैयारी पूरी, जिला में दिया जा रहा अंतिम रूप

-10 फरवरी से दो साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा

-गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमारों और दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलाई जाएगी दवा


बांका, 7 फरवरी-


 जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 10 फरवरी से एमडीए अभियान शुरू हो रहा है। इसके तहत दो साल से अधिक उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जानी है। दवा सेवन के लिए  जिले के 24 लाख लोगों को लक्षित किया गया है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ है। जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक इसे लेकर तैयारी चल रही है। प्रखंडों में तो तैयारी पूरी हो चुकी है। अब जिला में उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि अब अभियान में काफी कम समय रह गया है। तैयारी लगभग पूरी हो गई है। प्रखंडों में समन्वय समिति की बैठक पूरी हो गई है। सभी जगह माइक्रो प्लान बन गया है। हमलोग प्रखंडों की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। अगर कुछ सुधार जरूरी हुआ तो उसे कहा जाएगा। अभियान को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो गई है।

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि माइक्रो प्लान मिल गया है। उसी के अनुसार अभियान के दौरान काम किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता  लोगों को दवा पिलाने का काम करेंगी। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका भी इसमें सहयोग करेंगी। इसके अलावा कई और विभाग के लोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। अभियान के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी व्यक्ति छूट नहीं जाए। इसे लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं को इसे लेकर विशेष तौर पर निर्देश दिया गया है।

इन लोगों को खिलाई जाएगी दवाः प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ० योगेंद्र प्रसाद मंडल कहते हैं कि अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जाएगी। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जाएगी। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाना है। 

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।

फाइलेरिया से शरीर के खासकर चार अंग होते हैं प्रभावितः आरिफ इकबाल ने बताया कि फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं। हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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