किशोरियों ने उमड़ते सौ करोड़ अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम में कहा –“हिंसा हमें मंजूर नहीं” 

 
 
• महिला बैंड की धुन पर थिरके लोग
• किशोरियों ने उमड़ते सौ करोड़ अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम में कहा –“हिंसा हमें मंजूर नहीं” 
• लड़कियों-किशोरियों ने कविता-गानों से दिया समानता का सन्देश
 
पटना-
 
‘उमड़ते सौ करोड़ अभियान’ के अन्तर्गत सराय पंचायत के मैदान, मनेर, पटना में सहयोगी संस्था के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किशोर, किशोरियों-महिलाओं ने मिलकर जेंडर हिंसा एवं शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद किया। पहली दफा किशोरियों ने आयोजन में भाग लेते हुए घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव पर अपनी राय रखी। वहीं, कार्यक्रम में महिला बैंड की धुन पर कार्यक्रम में शामिल 1000 से अधिक लोग झूमते एवं थिरकते दिखे।  इस अवसर पर लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया गया। 
महिलाओं एवं किशोरियों के समक्ष दोहरी चुनौतियाँ 
उमड़ते सौ करोड़ अभियान की राज्य समन्वयक एवं सहयोगी की प्रमुख रजनी  ने इस अवसर पर कहा कि आज महिलाएँ, किशोरियाँ कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। घर-परिवार के साथ-साथ घर के बाहर कार्यस्थल और सड़क पर विभिन्न प्रकार की हिंसा और असमानता को झेलती हैं। व्यावसायिक (प्रोफेशनल) जिम्मेदारियों में बेहतरी का दबाव भी उनपर बना हुआ है। साथ ही, सामाजिक ताने-बाने के अंदर परिवार को बनाये रखने की जिम्मेदारी भी महिलाओं के कंधे पर है। उन्होंने आगे कहा कि महिला के सम्मानपूर्ण स्थान एवं हिंसा मुक्त समाज हमारी जिम्मेदारी है।
 
उमड़ते सौ करोड़ एक अंतर्राष्ट्रीय अभियान 
रजनी ने इस अभियान के बारे में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि उमड़ते सौ करोड़ अभियान एक अन्तराष्ट्रीय अभियान है एवं यह दो सौ से अधिक देशों में लिंग आधारित हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त करने हेतु एक सशक्त प्रयास है। साथ ही पर्यावरण संतुलन को बनाये रखना भी इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने इस अभियान के इस वर्ष के सन्देश ‘शांति, प्यार, सौहार्द’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किशोरियों-महिलाओं के सम्मान की रक्षा करना सभी का अधिकार एवं कर्तव्य है, गैर-बराबरी एवं हिंसा-शोषण हमें बर्दाश्त नहीं है।
समाज के लिए महिला शोषण, हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव एक अभिशाप: 
 
सामाजिक एवं महिला अधिकार कार्यकत्री कंचन बाला ने कहा कि समाज के लिए महिला शोषण एवं घरेलू हिंसा किसी अभिशाप से कम नहीं है। वहीं, लिंग आधारित भेदभाव समाज के साथ देश के विकास में सबसे बड़ी बाधक भी है। 
सराय पंचायत की मुखिया सुचित्रा सिन्हा ने कहा कि समाज को पुरुष प्रधान मानसिकता से निकलने की जरूरत है। महिलाओं की भूमिका पुरुषों से किसी भी अर्थ में कम नहीं है। घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव के खिलाफ़ परिवार एवं समाज के पुरुषों को भी आगे आना चाहिए। 
सराय की सरपंच बबिता देवी ने किशोरियों को घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव पर चुप्पी तोड़ने एवं एकजुट होकर इसके खिलाफ़ आवाज उठाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि सामाजिक एकजुटता से महिला के साथ हो रहे शोषण एवं दुर्व्यवहार पर विराम लगाया जा सकता है। 
 
सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम दिया संदेश 
इस मौके पर पंचायत के विभिन्न गांवों से महिला एवं किशोरियों ने अपनी प्रतिभागिता की एवं स्थानीय किशोरियों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुति द्वारा समुदाय को महिला हिंसा को समाप्त करने के प्रति सजग एवं तत्पर रहने के लिए आगाह किया। किशोरियों द्वारा गीत, संगीत, कविता एवं नृत्य कर समान अवसर एवं अधिकार देने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि वे किसी से कम नहीं हैं, एवं अवसर मिलने पर उन्होंने अपनी क्षमता और कौशल को दिखाया है। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील किया कि बेटी-बेटे में अंतर न करें एवं उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण के साथ समान अवसर और अधिकार उपलब्ध कराएँ।
 इस अवसर पर समाज सेवी एवं महिला अधिकार कार्यकर्ता कंचन बाला, सराय पंचायत की मुखिया सुचित्रा सिन्हा, अंशु देवी, बलुआ की उपमुखिया चंचल देवी, पैनाल पंचायत की सरपंच बबिता देवी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रणेश कुमार सिंह, श्री ओम सिन्हा के साथ मनेर, बिहटा, दानापुर प्रखंड के कई वार्ड सदस्य उपस्थित रहीं। सहयोगी से उन्नति, सपना, रौनक, उषा, लाजवंती, प्रियंका, रूबी, बिंदु, निर्मला, रिंकी, धर्मेन्द्र, मनोज, सुरेन्द्र, नितीश उपस्थित रहे।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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