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-जिले में 24 लाख लोगों को गोली खिलाने का रखा गया था लक्ष्य
-14 दिनों चले अभियान में लगभग 21 लाख लोगों को खिलाई गई गोली
बांका-
फाइलेरिया को लेकर जिले में चल रहे एमडीए अभियान का शुक्रवार को समापन हो गया। अब शनिवार से दो मार्च तक मॉपअप राउंड चलेगा। इसमें छूटे हुए लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जाएगी। 14 दिनों तक चले अभियान में जिले के लगभग 21 लाख लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई गई। अब बचे हुए तीन लाख लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जाएगी। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि वैसे तो शुक्रवार को भी मॉपअप राउंड ही चला। 14 दिनों तक जो अभियान चलना था। उसके मुताबिक पहले छह दिन आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर दवा गोली खिलानी थी और फिर सातवां दिन मॉपअप राउंड चलना था। दूसरे सप्ताह में भी इसी तरह से होना तय था। उस लिहाज से देखें तो शुक्रवार को भी मॉपअप राउंड ही चला। अच्छी बात यह है कि अभियान के दौरान लगभग 21 लाख लोगों को गोली खिला दी गई। अब जो लोग बच गए हैं उन्हें मॉपअप राउंड में गोली खिला दी जाएगी। हमलोग आसानी से लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। लोगों से भी अपील है कि छूटे हुए व्यक्ति अपने क्षेत्र की आशा या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से भी जाकर दवा लेकर खा सकते हैं।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि मॉपअप राउंड में भी आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और वॉलेंटियर क्षेत्र में जाकर लोगों को गोली खिलाने का काम करेंगे। इस दौरान भी दो वर्ष अधिक उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जाएगी। दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जाएगी। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जाएगी। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी। साथ ही इस दौरान भी किसी को भूखे पेट गोली नहीं खिलाई जाएगी। सभी कुछ पहले की ही तरह चलेगा।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए। लगातार देखभाल करते रहने से फाइलेरिया के मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं होती है।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha