एईएस / जेई  को ले प्रखंडों के मेडिकल ऑफिसर व अन्य अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण 

- सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम 
- मास्टर ट्रेनर और शिशु रोग विशेषज्ञ ने एईएस/जेई की पहचान और उपचार के बारे में विस्तृत  जानकारी दी 
- पीएचसी/सीएचसी स्तर पर लोगों को जागरूक करने को "चमकी को धमकी" की वाल पेंटिंग और बैनर लगवाने का दिया गया निर्देश 
 
खगड़िया-
 
सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में गुरुवार को एक्यूट एंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) /जैपानिस एंसेफ्लाइटिस (जेई) चमकी बुखार को ले जिला के विभिन्न प्रखंडों के  प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओ आईसी ), मेडिकल ऑफिसर, ब्लॉक कम्युनिटी मोबलाइजर (बीसीएम), हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इंचार्ज कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) सहित कई अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर के रूप में पटना से प्रशिक्षण प्राप्त चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ नरेंद्र कुमार सहित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ वाई सी प्रयेशी, एपिडेमियोलाजिस्ट  डॉ शशि कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी मो. शाहनवाज आलम, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार बब्लू साहनी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे। 
एईएस) / जेई के मरीजों की पहचान, लक्षण को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई -
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मास्टर ट्रेनर डॉ नरेंद्र कुमार ने ग्रामीण स्तर पर एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका एवं स्वयं सहायता समूह  (एसएचजी) के द्वारा एक्यूट एंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) /जैपानिस एंसेफ्लाइटिस (जेई) मस्तिष्क ज्वर, चमकी बुखार के मरीजों की  पहचान के लिए उसमें पाए जाने वाले लक्षण, पहचान के  बाद किए जाने वाले उपाय और इसके बाद मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजने के क्रम में बरती जाने वाली सावधानियों एवं साफ- सफाई के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने पीएचसी/सीएचसी स्तर पर प्रारंभिक प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस स्तर पर उन्होंने एईएस मरीज की  प्रॉपर पोजिशनिंग एंड सक्शन, मैनेजमेंट ऑफ एयरवे, ब्रिथिंग एंड सर्कुलेशन, अप्लाई ग्लूकोमीटर और हाइपो ग्लेसिमिया के साथ कन्वल्शन और डिहाइड्रेशन के दौरान विभिन्न दवाओं और इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हुए मरीज के स्वास्थ्य की  मानिटरिंग  करने और गंभीर स्थिति को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को रेफर करने के दौरान बरती जानी वाली सावधानियों के बारे में काफी संजीदगी से जानकारी दी। 
लोगों को जागरूक करने को चमकी को धमकी की  वाल पेंटिंग और बैनर लगाने के निर्देश -
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया कि पीएचसी/सीएचसी स्तर पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से "चमकी को धमकी" की  वाल पेंटिंग और बैनर आवश्यक रूप से लगवाया जाए। इसके साथ - साथ जिन बच्चों का अभी तक एईएस का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है उनका निश्चित रूप से वैक्सीनेशन सुनिश्चित करवायी  जाए।  क्योंकि पिछले साल एक बच्चे को छोड़कर पूरे परिवार ने वैक्सीनेशन करवाया था,पर  बाद में वहीं बच्चा एईएस का शिकार हो गया था। इसके साथ ही यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि आसपास में सुअर की  लगातार मौत तो नहीं हो रही  है। वैसे जगहों पर इस बीमारी के होने का खतरा काफी अधिक होता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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