लखीसराय की जन्मजात हृदयरोग से ग्रसित दो बच्ची को इलाज के लिए भेजा गया अहमदाबाद 

 
- दोनों बच्ची का निःशुल्क होगा समुचित इलाज और मुफ्त ही मिलेगी सभी सुविधाएं
- आरबीएसके की टीम की पहल पर अभिभावक संग दोनों बच्चे को भेजा गया अस्पताल
 
लखीसराय, 24 मार्च-
 
लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ सरकार पूरी तरह गंभीर है वहीं, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक बनाने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हलसी एवं सूर्यगढ़ा में ऐसे दो बच्ची की खोज की गई, जो जन्मजात यानी जन्म से ही हृदय रोग से ग्रसित हैं। इसमें हलसी प्रखंड के कैंदी निवासी नंदकिशोर पासवान की पुत्री शिवानी कुमारी एवं सूर्यगढ़ा प्रखंड के पहाड़पुर निवासी सुकुमार गुप्ता की पुत्री सुम्ची कुमारी शामिल हैं । दोनों बच्ची के अभिभावक अपने - अपने बच्ची का समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके थे। किन्तु, अब दोनों बच्चे का सरकार के सहयोग एवं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से समुचित इलाज होगा। वहीं, दोनों बच्चे को शनिवार को फ्लाइट के माध्यम से समुचित इलाज के लिए अभिभावक संग अहमदाबाद भेजा गया। 
 
- दोनों बच्ची को सभी सुविधाएं मिलेगी मुफ्त, परिजनों को नहीं उठाना पड़ेगा खर्च : 
सिविल सर्जन डाॅ बीपी सिन्हा ने बताया, दोनों बच्ची को आने-जाने समेत सभी सुविधाएं यानी समुचित इलाज की सुविधाएं पूरी तरह मुफ्त मिलेगी। इस दौरान दोनों के अभिभावकों को किसी प्रकार का खर्च उठाना नहीं पड़ेगा। वहीं, उन्होंने बताया, दोनों बच्चे को शुक्रवार को यहाँ से 102 एम्बुलेंस के माध्यम से नि:शुल्क राज्य स्वास्थ्य समिति शेखपुरा पटना भेजा गया। वहाँ सेनिःशुल्क  समुचित इलाज के लिए फ्लाइट के माध्यम से दोनों बच्चों को अभिभावक संग श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद भेजा जाएगा। 
 
- दोनों बच्ची का निःशुल्क होगा समुचित इलाज : 
आरबीएसके जिला समन्वयक  डाॅ शिव शंकर कुमार ने बताया, जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित दोनों बच्ची का निःशुल्क समुचित इलाज होगा। साथ ही दोनों बच्ची के साथ-साथ दोनों के अभिभावकों का भी खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) द्वारा इलाज कराया जाता है। 
 
- छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, अब जगी उम्मीद की नई किरण : 
दोनों बच्ची के अभिभावकों ने बताया, हमलोग तो अपने बच्चे के समुचित और स्थाई इलाज की उम्मीद ही छोड़ चुके थे। क्योंकि, ना ही स्थानीय स्तर पर समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध थी और ना ही बाहर में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा था। किन्तु, इसी बीच जब स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुचित इलाज, वो भी पूरी तरह मुफ्त होने की जानकारी मिली कि पूरे परिवार में उम्मीद की नई किरण जग गई। इसके लिए मैं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार का ताउम्र ऋणी रहूँगा। वहीं, दोनों बच्ची के अभिभावक ने इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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