- मायागंज अस्पताल क्षेत्र स्थित महादलित टोले में स्वास्थ्य विभाग एवं केएचपीटी द्वारा चलाया जागरूकता अभियान
- 168 व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग, 06 को जाँच के लिए किया गया रेफर
भागलपुर-
मायागंज अस्पताल क्षेत्र स्थित महादलित टोले में सोमवार को टीबी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा केएचपीटी के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही इस बीमारी से स्थाई निजात के लिए समय समय पर जाँच कराने एवं जाँच के पश्चात आवश्यक चिकित्सा परामर्श का पालन तथा दवाई का सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। उक्त अभियान में रेडियो 90.4 एफएम के मो. मेहताब, आशा कार्यकर्ता लीला देवी, मोबिलाइजर सीता देवी, केएचपीटी के शानू प्रताप सिंह आदि ने लोगों को टीबी से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। जिसमें टीबी संक्रमण कैसे होता है, कैसे इस बीमारी के प्रभाव से दूर रहा जा सकता है, टीबी मुक्त समाज का निर्माण कैसे होगा समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी गई ।
- टीबी मुक्त भारत निर्माण के लिए सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
सीडीओ डाॅ दीनानाथ ने बताया, सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरूरत है, बल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, ना सिर्फ खुद बल्कि आपको अन्य कोई भी टीबी लक्षण वाले लोग दिखे तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। साथ ही आवश्यकतानुसार अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगा।
- 168 व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग, 06 को जाँच के लिए किया गया रेफर :
केएचपीटी की जिला टीम लीडर आरती झा ने बताया, उक्त अभियान के दौरान 168 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी । जिसमें छः व्यक्तियों को समुचित जाँच के लिए स्थानीय अस्पताल रेफर किया गया। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जाँच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की सुविधा बहाल की गई है । जहाँ कोई भी टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जाँच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती है, जो जाँच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सके ।
- टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी :
टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराने से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी जा सकती है और अनावश्यक परेशानियों का भी सामना नहीं पड़ेगा। इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है । इसलिए, टीबी के लक्षण महसूस होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज भी शुरू कराएं।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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