हार नहीं मानी निहार सिंह ने –टीबी की दवा छूटने के बाद फिर कराया इलाज


- हुए एम.डी आर टीबी से ठीक

 -निराशा के बाद  मिली आशा की किरण : निहार सिंह 

  -लाइलाज नहीं है एम.डी आर.टीबी : डॉ .सत्येन्द्र 


लखीसराय-


 सूरजगढ़ा के ऋषि पहाड़पुर निवासी निहार सिंह टीबी की चपेट में आ गए थे । हालांकि कोरोना काल में  पहले लॉक- डाउन के कारण उनका दवा खाना छूट गया था। इससे वे एम् .डी. आर टीबी के भी शिकार हो गए थे । इससे वे एकदम  निराश हो चुके थे। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी । उनके साथ उनके परिवार ने भी  हार  नहीं  मानी और इलाज करवाया।  आज निहार सिंह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं । वे अब अपने खेत पर भी जा रहे हैं । साथ हीं वे अपने सारे दैनिक कार्य को पहले की तरह से कर रहे हैं। निहार जी कहते हैं कि निराशा के बाद ऊपर वाला आशा के दरवाजे को भी खोल देता है।  वैसे ही हमारे साथ हुआ। 

लॉक-डाउन में  दवा छूटने के बाद हुए एम.डी.आर के शिकार : 

निहार सिंह के  पुत्र सन्नी कुनार ने  बताया कि पिताजी के बारे में जब पता चला कि उन्हें टी.बी की शिकायत है तो परिवार के सभी लोग डर गए। हम सबको लगा कि अब  पिताजी के लिए जिन्दगी मुश्किल होने वाली है। इस हालात में भी पूरे परिवार ने न अपने धैर्य को खोया  और न ही पिताजी के आत्मबल को टूटने दिया।  उनके साथ हम सभी हर कदम पर साथ रहे। 

भतीजा प्रीतम सिंह बताता है कि चाचा जी जब काफी कमजोर होने लगे तो उनको इलाज  हेतु मुंगेर के एक निजी अपताल में ले गए।  वहाँ उनको टी.बी होने की बात  बतायी गई।  साथ ही हम लोगों ने दवा भी ख़रीदा पर  लॉक-डाउन की वजह से दवा छूट गई ।

आशा देवंती देवी ने दिलाया भरोसा -कहा इलाज से ठीक हो जाएंगे 

 प्रीतम सिंह ने बताया हम सभी उनके इलाज के क्रम में दूसरे जगह भी गए। लेकिन इसबीच बीमारी बढ़ गयी थी । साथ ही लिवर में भी समस्या हो गई थी । निजी अस्पताल में ही उनको एम.डी. आर होने की पुष्टि की गई । इससे हमलोग काफी परेशान हो गए।  उसी बीच बगल में रहने वाली आशा देवंती देवी ने बताया कि आप सभी  घबराएँ नहीं इनका इलाज होगा और ये पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। फिर चाचा जी का इलाज लखीसराय के सदर अस्पताल के द्वारा हुआ और आज ये पूरी तरह से ठीक हैं। 

लाइलाज नहीं है एम .डी आर टीबी  : 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूरजगढ़ा के  प्रभारी डॉ सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि लाइलाज नहीं है एम .डी आर टीबी। उन्होंने कहा कि  हमारे यहाँ टीबी को लेकर  लोगों में अभी भी कुछ मिथ्या विचार हैं । लोगों का मानना है कि निजी अस्पताल में इलाज करवाकर नहीं ठीक हो रहे तो सरकारी में कैसे हो सकता, वो भी निःशुल्क। बातचीत के क्रम में प्रभारी ने बताया कि ऋषि पहाड़पुर के निहार सिंह एम.डी. आर के मरीज थे, वो हमारे यहाँ इलाज करवाकर ठीक हुए हैं। मैं चाहता हूँ कि उनकी कहानी लोगों के सामने आये।  ताकि जो लोग इस कारण से भी इलाज नहीं करवा पाते कि  उन्हें कमजोरी के सिवा कुछ नहीं या  समाज के डर से भी अपनी जाँच या इलाज नहीं करवा पाते, उनके बीच ये जागरूकता आनी चाहिए कि  कोई भी बीमारी छुपाने से बढ़ती है।  साथ ही सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में भी इसका इलाज है वो भी निःशुल्क।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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