सर्दी के मौसम में बीपी और शुगर को लेकर रहें सतर्क

 

-कैंसर, बीपी और शुगर को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम 

-चौथे दिन भी एएनएम, जीएनएम और फॉर्मासिस्ट को दिया गया प्रशिक्षण

-बौंसी, बेलहर और चांदन प्रखंड के स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया प्रशिक्षित 


बांका, 16 दिसंबर। गैरसंचारी रोग विभाग कैंसर, बीपी और शुगर को लेकर प्रशिक्षण दे रहा है। एक सप्ताह तक चलने वाले प्रशिक्षण के कार्यक्रम के चौथे दिन शुक्रवार को बौंसी, बेलहर और चांदन की एएनएम, जीएनएम और फॉर्मासिस्ट को कैंसर के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें कैंसर के शुरुआती लक्षण और स्क्रीनिंग के बारे में बताया गया। साथ ही बीपी और शुगर के मरीजों को किस तरह से जागरूक करना है, इसकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का आयोजन सिविल सर्जन सभागार में जिला गैरसंचारी रोग पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में किया गया। प्रशिक्षण देने का काम सदर अस्पताल के डॉ. विजय कुमार और डॉ. प्रीति सागर ने किया। कार्यक्रम का आयोजन कराने में एनसीडी विभाग के प्रभारी एफएलसी राजेश कुमार और सौरव सुमन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

प्रशिक्षण के दौरान डॉ. प्रीति सागर ने ऑरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी दी। इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में बताया। साथ में यह भी बताया कि अगर ऐसे लक्षण वाले कोई मरीज मिलते हैं तो उसे सदर अस्पताल भेजिए। वहां पर स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में अगर कैंसर के लक्षण का पता चलता है तो उसे इलाज के लिए आगे भेजा जाएगा। डॉ. प्रीति सागर ने बताया कि होमी भाभा अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और राज्य स्वास्थ्य समिति में एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की निःशुल्क जांच की व्यवस्था बांका सदर अस्पताल में की गई है। जांच में मरीज में अगर कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो उसका इलाज पटना के आईजीआईएमएस, एनएमसीएच और मुजफ्फरपुर के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में से किसी एक जगह किया जाएगा। इलाज में मरीजों को सरकारी सहायता मिलेगी। उन्हें नाममात्र का चार्ज ही लगेगा और लगातार मरीजों का फॉलोअप किया जाएगा।

सर्दी के मौसम में बीपी और शुगर को लेकर रहें सतर्कः प्रशिक्षण देते हुए डॉ. विजय कुमार ने बताया कि सर्दी के मौसम में बीपी और शुगर को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। आपलोग क्षेत्र में काम करते हैं। ऐसे मौसम में बीपी और शुगर को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। खासकर जो बीपी के मरीज हैं, उन्हें विशेष तौर पर सावधानी की जरूरत पड़ती है। भोजन पर नियंत्रण से लेकर शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की आवश्यकता पड़ती है। बीपी के साथ शुगर के मरीजों को भी तला-भुना भोजन से दूर रहना चाहिए। अधिक तेल-मसाले से काफी नुकसान पहुंचता है। अभी के मौसम में जब धूप निकल आए तो बीपी और शुगर के मरीजों को तेज कदमों से 45 मिनट तक टहलने की भी कोशिश करने की सलाह देने को लिए डॉक्टरों को कहा गया। साथ ही जो लोग दवा का सेवन करते हैं वे बीच में दवा नहीं छोड़ें। इससे नुकसान हो सकता है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक अपना व्यवहार रखें।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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