Breaking News
- राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों और किशोर - किशोरियों को किया जाएगा एनीमिया मुक्त
- एनीमिया मुक्त भारत अभियान में अलग- अलग आयु वर्ग के लिए निर्धारित है दवा की खुराक
मुंगेर-
एनीमिया मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए अब उसे छह वर्गों में बांटकर चलाया जाएगा। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के जरिए बच्चों और किशोर - किशोरियों में हीमोग्लोबिन की कमी दूर होती और उनका सही शारीरिक और मानसिक विकास संभव होता है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि एनीमिया की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके ।
प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयरन की गोली और सिरप मुहैया करा दी गयी -
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज ने बताया कि एनीमिया की वजह से बच्चों, किशोर- किशोरियों और महिलाओं में काम करने कि क्षमता में काफी कमी आ जाती है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के 6 विभिन्न आयु वर्ग के बीच यह अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयरन की गोली और सिरप मुहैया करा दी गयी है।
छह वर्ग में बांटकर चलाया जाएगा एनीमिया मुक्त भारत अभियान :
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सबसे पहले 6 से 59 माह तक के बच्चों को आयरन सिरप पिलाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता को दी गई है। इसके बाद 5 से 9 वर्ष के बच्चे और 10 से 19 वर्ष तक के किशोर- किशोरियों को, 20 से 24 वर्ष तक की प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं जो गर्भवती एवं धात्री नहीं हो, एवम गर्भवती एवम धात्री महिलाओं को और 24 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के अन्य लोगों को इस कार्यक्रम के तहत एनीमिया मुक्त किया जाएगा।
एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में अलग -अलग आयु वर्ग के लिए निर्धारित है खुराक :
उन्होंने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में अलग -अलग आयु वर्ग के लिए खुराक निर्धारित है। इसके तहत 6 से 59 माह तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार आईएफए सिरप दी जाती है। इसी तरह 5 से 9 साल तक बच्चों को सप्ताह में एक बार गुलाबी गोली विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के बाद दी जाती है। इस दौरान छूटे हुए बच्चों को गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता के द्वारा सप्ताह में एक बार खुराक खिलाई जाती है। इसके साथ ही 10 से 19 साल तक के किशोर किशोरियों को सप्ताह में एक नीली गोली खिलाई जाती है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar