: दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और एक सप्ताह के अन्दर मां बनने वाली माताओं को नहीं खिलाई जाएगी दवा
: एमएमडीपी और एमडीए नाम से ट्वीन पिलर बनाकर किया जा रहा है फाइलेरिया उन्मूलन का प्रयास
मुंगेर, 06 फरवरी-
आगामी 10 से 24 फरवरी यानि 14 दिनों तक चलने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान जिला भर के 14,25,623 लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा । उक्त बात सोमवार को एएनएम स्कूल सभागार में आगामी 10 फरवरी से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को ले आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.अरविंद कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि जिला भर की कुल आबादी 16,77204 में से 14,25,623 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जिला भर में 40,84050 डीईसी और 16,60,414 अल्बेंडाजोल टैबलेट्स की आपूर्ति की गई है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कुल 719 टीम का गठन किया है। इसके अलावा इस अभियान में कुल 963 आशा कार्यकर्ता, 221 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 254 वोलेंटियर सहित कुल 1438 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 70 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार पंकज कुमार प्रणव, केयर इंडिया के डीपीओ मनोज कुमार, डीटीएल संजय विश्वास, पीसीआई से मिथिलेश कुमार, राकेश कुमार, सीफार से श्याम , जय प्रकाश कुमार सहित सहित कई पत्रकार, पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि जिला भर में फाइलेरिया के कुल 5120 मरीज हैं। यह बीमारी आम तौर पर बचपन में ही व्यूचेरिया बैंक्रॉफटाई नामक परजीवी और क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। बावजूद इसके इस बीमारी का लक्षण दिखने में 5 से 15 साल तक का समय लग सकता है। इसलिए आम तौर पर लोगों को यह पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें कब क्यूलेक्स मच्छर ने काटा और कब वो फाइलेरिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए। यह बीमारी कभी भी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है । ऐसी मान्यता है कि यदि लगातार पांच वर्षों तक एमडीए कार्यक्रम के दौरान साल में एक बार फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी टैबलेट्स का सेवन कर लिया जाए तो उस व्यक्ति को फाइलेरिया की बीमारी होने का खतरा काफी हद तक नहीं रहता है। इसलिए सभी से मेरी अपील है कि वो अनिवार्य रूप से 10 से 24 फरवरी के दौरान चलने वाले एमडीए कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया की दवा का सेवन करें ।
उन्होंने बताया कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और एक सप्ताह के अन्दर मां बनने वाली माताओं को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है।
एमएमडीपी और एमडीए नाम से ट्वीन पिलर बनाकर किया जा रहा है फाइलेरिया उन्मूलन का प्रयास : उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमएमडीपी और एमडीए नाम से दो ट्वीन पिलर बनाया गया है। एमडीए कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाती है। वहीं एमएमडीपी कार्यक्रम के तहत जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य संस्थानों में फाइलेरिया रोगियों के बीच एमएमडीपी किट वितरित करते हुए उन्हें साफ- सफाई और व्यायाम के बारे में जानकारी दी जाती है।
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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