• 25 मार्च से 1 अप्रैल तक पोषण एवं स्वास्थ्य संदेशों को फैलाएगा प्रचार रथ
• पोषण संबंधी आदतों में साकारात्मक परिवर्तन लाना है पोषण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य- मदन साहनी
पटना-
राज्य में 20 मार्च से 3 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान राज्य के प्रत्येक जिले में 25 मार्च से 1 अप्रैल तक वृद्धि निगरानी प्रचार रथ का परिचालन किया जायेगा. इसी संदर्भ में आज शुक्रवार को समाज कल्याण मंत्री, बिहार सरकार, श्री मदन साहनी द्वारा प्रतीक स्वरूप 5 वृद्धि निगरानी प्रचार रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर मंत्री, समाज कल्याण विभाग ने बताया कि समाज कल्याण विभाग राज्य के प्रत्येक नागरिक, विशेषकर हाशिये पर रहने वाली आबादी को स्वस्थ आदतों और व्यवहार परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
माँ का पहला दूध नवजात शिशु के लिए जरुरी:
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि पोषण पखवाड़ा में समुदाय के बीच पोषण के महत्त्व का संदेश प्रसारित करना इसका प्रमुख उद्देश्य है. गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के बारे में समुदाय को जागरूक किया जायेगा. विभाग के प्रयासों का परिणाम है कि नवजात शिशु को अब माताएं अपना पहला दूध पिला रहीं हैं और 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान के महत्त्व को समझ रहीं हैं. मोटे अनाजों का सेवन जो आसानी से घर में उपलब्ध होते हैं उनका उपयोग करने के बारे में जागरूक किया जायेगा. उन्होंने बताया कि वृद्धि निगरानी प्रचार रथ के माध्यम से विभाग द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों के लाभ के बारे में भी लोगों को बताया जायेगा.
पोषण मानकों में हो रहा सुधार:
समाज कल्याण मंत्री, मदन साहनी ने बताया कि राज्य में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं कुपोषण को दूर करने की दिशा में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग के साथ कई अन्य सहयोगी संस्थाओं और विभागों के द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं और आंकड़ों में निरंतर सुधार भी परिलिक्षित होते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 10 वर्षों में राज्य की शिशु मृत्यु दर 42 से घटकर 27 पर आ गयी है. पांच वर्ष तक के बच्चों में व्याप्त कुपोषण का मुख्य संकेत यानि नाटापन में पिछले 7 वर्षों में लगभग 6 प्रतिशत और उम्र के अनुसार कम वजन के बच्चों की संख्या 3 प्रतिशत तक घटी है.
मोटे अनाजों और उनके सेवन के उपयोग पर दिया जा रहा बल:
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि विभाग की प्राथमिकताओं में सबसे प्रमुख है कि हम अधिक से अधिक लोगों और उनके परिवारों को पोषण को बढ़ाने वाली बातों, विशेषकर दो वर्ष तक के बच्चों के लिए बताएं ताकि वह खुद ही जागरूक बनें और पोषण की आदतों को अपने व्यवहार में शामिल कर बिमारियों से बचें. उन्होंने बताया कि हमारे देश में परंपरागत रूप से उगाये जा रहे मोटे अनाजों को खाने के लिए प्रेरित करना आज की सबसे महत्वपूर्ण मांग है. इनमे प्रोटीन, विटामिन, खनिज एवं फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं जो समाज को कुपोषण मुक्त बनाने के साथ मधुमेह, रक्तचाप एवं मोटापे जैसे रोगों से भी बचाएगा.
वृद्धि निगरानी प्रचार रथ के द्वारा प्रसारित किया जायेगा पोषण का संदेश:
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि पोषण पखवाड़ा में समुदाय के बीच पोषण का संदेश प्रसारित करने के लिए विभाग द्वारा सभी जिलों में पोषण एवं स्वास्थ्य संदेशों से युक्त वृद्धि निगरानी प्रचार रथ को भेजा जा रहा है ताकि जनसमुदाय को पोषण और स्वास्थ्य से जुडी सही बातें उनके द्वार तक पहुंचे. उन्होंने बताया कि ऐसे समय में पोषण जागरूकता के कार्य के लिए सभी सहयोगी विभागों, संस्थानों, जनप्रतिनिधियों एवं समुदाय के लोगों को आगे आने की जरुरत है।
इस अवसर पर निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ. कौशल किशोर, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
रिपोर्टर
Dr. Rajesh Kumar
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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